Saturday, November 6, 2010

Diwali Hoti Hai

सब साथ साथ  होते हैं तो दीवाली होती हैं
वरना तो बस हम होते हैं
और चार दीवारी होती हैं
तेरी आखों के दीप जलते है तो उजियारा हैं
वरना अमावस की रात काली होती हैं |
अपनत्व का अनार और स्नेह की रंगोली
सब मिल जाये तो ही दीवाली होती हैं
अमावस की रात, चाँद तू नहीं तो क्या
चाँद की सूरत वालों से रोशन दीवाली होती है |
जबसे शादी हुई तभी से यह जाना
कि घर की असली रौनक घरवाली होती हैं
पत्नी तो होती है फटाके जैसी
पर फूल-झड़ियो सी प्यारी साली होती है |
Composed by – Baheti Brothers (Madan Mohan, Dwarka and Jagdish)

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