Saturday, February 5, 2011

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना
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वीनापाणी, तुम्हारी वीणा ,मुझको स्वर दे
नव जीवन ,उत्साह नया माँ मुझ में भर दे
पथ सुनसान ,भटकता सा राही हूँ मै,
ज्योति तुम्हारी निर्गम पथ ,ज्योतिर्मय करदे
                        २
मात,मेरी प्रेरणा बन,प्रेम दो ,नव ज्योति दो ,
मै तुम्हारा स्वर बनू,हँसता रहूँ ,गाता रहूँ
प्यार दो ,झंकार दो ,ओ देवी स्वर की सुरसरी
तान दो ,हर बार मै ,हर लय नयी ,लाता रहूँ

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