Wednesday, March 30, 2011

तेरा चुम्बन

 तेरा चुम्बन
मन की प्यास बढ़ा देता है तेरा चुम्बन
तन में आग लगा देता है तेरा चुम्बन
नरम,मखमली,रक्तिम आभा,रस के प्याले
अक्षय मदिरा पात्र,मदभरे अधर तुम्हारे
छू उन्माद जगा देता है तेरा चुम्बन
तन में आग लगा देता है तेरा चुम्बन
तप्त कलश तेरे जब छूते मेरे तन को
होता मन बेचैन,मचलता मधुर मिलन को
प्रीतधार बरसा देता है तेरा चुम्बन
मेरा मन हर्षा देता है तेरा चुम्बन
मिलते तपते अधर,बड़ी ठंडक मिलती है
एक नयी उर्जा ,खुशबू मादक मिलती है
मन को बहला कर सहलाता तेरा चुम्बन
प्यार जगाता है  मदमाता तेरा चुम्बन
मेरे भाग जगा देता है तेरा चुम्बन
तन में आग लगा देता है तेरा चुम्बन

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