Saturday, April 9, 2011

नेता निवेदन

 लोग कहते भ्रष्ट है
हमको ये कष्ट है
हम देश के नेता हैं
चुनाव के विजेता है
आप हमें यहाँ लाये है
वोट देकर जिताये है
चुनाव में जो लुटाएंगे
वो पैसे कहाँ से आयेगे?
कब जाये सत्ता छीन
मौका है जितने दिन
तुमसे ही वसूलेंगे
पद पाकर लूटेंगे
आज अगर ले लेंगे
कल तुमको ही देंगे
घूम घूम गावों में
अगले चुनावों में
बाटेंगे सब धन
वोट खरीदेंगे हम
होता ही है ऐसा
जनता का सब पैसा
फिर पाती है जनता
हम पाते बस सत्ता
सागर का जैसे जल
गर्मी में बन बादल
बारिश बन आता है
सागर में जाता है
ये है कुदरत का चक्कर
तोहमत फिर क्यों हम पर
कि हम निकृष्ट है
हमको ये कष्ट है
लोग कहते भ्रष्ट है
अच्छा इरादा था
चुनावी वादा था
लायेंगे खुश हाली
वो हमने तो पा ली
सुधरेंगे सबके दिन
पर लगता है टाइम
रोकेंगे महंगाई
रोक राखी है भाई
इसको ना हटने देंगे
भाव ना घटने देंगे
वादा था रक्षा का
धन कि सुरक्षा का
हमने निभाया है
जो भी कमाया है
है सुरक्षित हाथों में
स्विस बेंक खातों में
नोजवानो का उत्थान
करने की ली है ठान
नौजवान है बेटा
बनने को है नेता
जब मौका पायेगा
मंत्री बन जायेगा
बढा रहें है कदम
प्रगति के पथ पर हम
लाभ लो अवसर के
क्यों आलोचना कर के
समय करतें नष्ट है
हमको ये कष्ट है
लोग कहते भ्रष्ट है


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