Monday, May 2, 2011

रावण हर युग में मरता है

रावण हर युग में मरता है
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कितना ही हो ज्ञानी ,ध्यानी,कितनी ही भाषा का ज्ञाता
किन्तु बुद्धि यदि विध्वंशक हो ,सारा ज्ञान धरा रह जाता
ट्विन टॉवर पर हो हमला या,सीताजी का हुआ अपहरण
ओसामा बिन लादेन या फिर ,हो दशमुख लंकापति रावण
किन्तु कर्म हो अगर अधर्मी,करनी का फल मिलता ही है
ओसामा बिन   हो या रावण,  दुष्ट हमेशा   मरता   ही  है
आतंकी ,आतंकवाद को,एक दिन झुकना ही पड़ता है
त्रेता युग हो या फिर कलयुग, रावण हर युग में मरता है

मदन मोहन बहेती 'घोटू'

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