Sunday, May 8, 2011

एक अनार -सौ बीमार

एक अनार -सौ बीमार
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एक शुष्क दफ्तर में
काम करने
जब एक आधुनिका नार आ गयी
तर हो गया ,वातावरण दफ्तर का,
बहार  आ गयी
 उसके करीब आने की होड़
लोगों में इतनी बढ़ गयी
की दफ्तर की काया ही बदल गयी
साहब खुश थे,
काम की इफ़िसिएन्सि बढ़ गयी
देख कर के ये हाल
हमने कहा यार,
ये तो है वो ही मिसाल
एक अनार ,सो बीमार
हमारा ये कहना,
उनके एक बुजुर्ग से आशिक को
नहीं सुहाया
उन्होंने हमें समझाया
आप भी गजब ढाते है
एक सुमुखी 'नार' को 'अनार' बतलाते है
काहे एक 'अबला' को सताते है
 हमने कहा श्रीमान
हम एक 'नार'को 'अनार' कहें
तो आप बुरा मान जाते है
और खुद एक 'बला' को'अबला' बताते है
हमारी बात सुन,
पहले तो वो हमें ताकने लगे
और क्योंकि वो बगल में बैठी थी,
बगलें झाँकने  लगे

मदन मोहन बहेती 'घोटू'


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