Sunday, May 8, 2011

मै हरिश्चंद्र हूँ

मै हरिश्चंद्र हूँ
मगर मै वो हरिश्चंद्र नहीं,
जो अपने वचनों की रक्षा के लिए
अपने बीबी बच्चों को बेच दे,
अपने आप को बेच दे
और सत्य पर अडिग रहे,
मै भी अपने वचनों की रक्षा करता हूँ
मगर उन वचनों की,
जो शादी के समय मैंने अपनी पत्नी को थे दिए,
और बीबी बच्चो का पेट पालने के लिए
मै जल्लाद के घर
भी हो सकता हूँ नौकर
बेचता मै भी हूँ अपने आप को
अपने इन्ही वचनों को निभाने को
परिवार की भूख मिटाने को
छोटा मोटा फेवर पाने को
सच से डिग जाता हूँ
झट से बिक जाता हूँ
रोज रोज बिकता हूँ
सत्य मै भी बोलता हूँ
जैसे मैंने अभी जो बात कही है
एक दम सत्य है,सही है
मै जो हूँ वही हूँ
मै हरिश्चंद्र हूँ,
पर वो हरिश्चंद्र नहीं हूँ

मदन मोहन बहेती 'घोटू'

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