Sunday, June 19, 2011

हाँ, हम भ्रष्ट है

हाँ, हम भ्रष्ट है
आपको क्या कष्ट है
जनता की भीड़ में,
भाषण देते हो,चिल्लाते हो
हमें भ्रष्टाचारी बताते हो
चुप रहा करो,
नहीं तो हम बता देंगे,
क्या  औकात है तुम्हारी
तुम्हे पता नहीं, हम है सत्ताधारी
कल ही हमारे प्रवक्ता,
डुगडुगीबजा कर ,
दुनिया को देंगे बता
की तुम्हारे दादा के दादा ने,
एक दलित लड़की को छेड़ा था
तुम्हारे दादा ने भी ,
किया कुछ बखेड़ा था
, तुम्हारे पिता ,जो मिठाई की दुकान चलाते थे
सिंथेटिक खोवा काम  में लाते थे
चोरी की चीनी की चासनी से,
जलेबी बनाते थे
तुम्हारी झोपड़ी में जो घांस लगायी गयी है
वो रिजर्व फोरेस्ट से चुरायी गयी है
हम इन आरोपों की जांच के लिए
 एक कमीशन भी बेठा देंगे
हमसे मत लो पंगा
जनता के बीच में,
हम को मत करो नंगा
वर्ना तुम नहीं जानते,
हम तुम्हारा जीना हराम कर सकते है
तुम्हारे हर आयोजन को,
चार जून का रामलीला मैदान कर सकते है


मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

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