Thursday, July 28, 2011

मेरी प्यारी पोती मिशा

मेरी प्यारी पोती मिशा
आई धर कर रूप परी सा
खिली कली सी नवल नवेली
दादा की गोदी में खेली
बचपन के दिन शेतानी के
सुन किस्से राजा रानी के
ठुमुक ठुमुक नाची ,मुस्काई
घर भर में खुशियाँ भर लायी

जब से आई है मेरे घर
समृद्धि से दिया इसे भर

है गंभीर,सिंसियर,प्यारी
घर में सबकी बड़ी दुलारी
करती सबसे प्यार बहुत है
पढने में होशियार बहुत है

नृत्य कला में है पारंगत

सब के प्रति है मन में चाहत
मिशा नहीं,ये तो मिश्री है
प्यार भरी ,ये तो बदली है
पढने में भी रही टॉप पर
कई गुणों में,गयी बाप पर


खूब पढ़े और करे तरक्की
यही कामना है हम सब की
यही प्रार्थना करते है हम
भरा रहे खुशियों से जीवन
आज जा रही है अमेरिका
मेरी प्यारी पोती मिशा

मदन मोहन बाहेती'घोटू'


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