Friday, August 5, 2011

काले रंग की बात निराली होती है

भरी नीर से बदली काली होती है
काले रंग की बात निराली होती है
रूपगर्विता होती है गोरी बीबी,
सीधीसादी काली घरवाली होती है
काले बालों से नारी मुख की शोभा  है,
सुन्दर आँखें काली कजरारी होती है
गोरे मुख पर काला तिल शोभा देता,
रोम रोम काली रुआंली  होती है
धर  अवतार धरा पर जब प्रभु आते है,
छवि सलोनी श्यामल काली होती है
काले कान्हा,कई गोपियाँ दीवानी,
कृष्ण दीवानी राधा प्यारी होती है
मजबूती का द्योतक है काला लोहा,
सदा अडिग चट्टानें काली होती है
गहरा जल काला गंभीर सदा दिखता,
काली मूंछे भी मर्दोंवाली होती है
करती है बरसात लक्ष्मी जब धन की,
काली मावस रात दिवाली होती है
काला रंग उष्मा का शोषण करता है,
काले की तासीर निराली होती है
उजले दिन में काम काम आराम नहीं,
चैन दिलाती रातें काली होती है
बाद रात के भोर उजाली होती है
काले रंग की बात निराली होती है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

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