Thursday, August 4, 2011

मेरी प्यारी प्यारी बेटी

मेरी प्यारी प्यारी बेटी
मुझको सदा प्यार है देती
जबसे आई है जीवन में
फूल खिले मेरे आँगन में
चहका  करती थी घर भर में
सबको दोस्त बनाती पल में
मेरे सुख में सबसे आगे
मरे दुःख में सबसे आगे
खुश होती,हंसती,मुस्काती
दुःख होता आंसू ढलकाती
चेहरा आइना सा बन के
सारे भाव दिखाता मन के
मिलनसार,प्यारी,निश्छल है
जीवन को जीती हर पल है
उसके एक नहीं,दो दो घर
एक ससुराल,एक है पीहर
दो दो मम्मी,दो दो पापा
अंतर रखती नहीं जरासा
तालमेल सबसे बैठा कर
दोनों घर में खुशियाँ दी भर
बेटे बदले,करके शादी
लेकिन बदल न पाती
हुई परायी,पर अपनापन
महकाया है मेरा जीवन
मेरे जीवन की उपलब्धी
मेरी प्यारी प्यारी बेटी

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

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