Friday, October 14, 2011

पानी ही पानी

पानी ही पानी
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जब किसी सुन्दर सी लड़की की जवानी,
और चेहरे का पानी देख
किसी लड़के के मुंह में पानी आता है
तो वह उसे पटाने के लिए ,
पैसा पानी की तरह बहाता है
और जब प्यार परवान चढ़ता है
तो वह उससे पाणिग्रहण  करता है
 अपना घर बसाता है
गृहस्थी का बोझ,जब कंधो पर पड़ता है
साड़ी मौज मस्ती पर पानी फिर जाता है
और फिर वह घर चलाने के लिए
पसीना पानी की तरह बहाता है
कभी प्यार में,कभी मनुहार में
पानी पानी होता रहता है
बहुत कुछ  सहता है
और जब पानी सर के ऊपर से
गुजरने लगता है
उसकी आँखों से पानी बहता है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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