Thursday, January 12, 2012

ऐसी प्रीत दिखाओ साजन

ऐसी  प्रीत दिखाओ साजन
बाहुपाश में मुझे बाँध कर,
पिघला दो मेरा सब तन मन
ऐसी प्रीत दिखाओ  साजन
दुखी ह्रदय का त्रास मिटा दो
युगों युगों की प्यास मिटा दो
प्रेम सुधा ऐसी बरसा दो,
भीग जाए मेरा सब तन मन
ऐसी प्रीत दिखाओ साजन
अपने रंग में मुझ को रंग  दो
मन में भर ऐसी उमंग दो
चटका तन के सभी अंग दो,
एसा कस कर बांधो बंधन
ऐसी प्रीत दिखाओ साजन
होठों की सब लाली पिघले
आँखों से कजरा बह निकले
मुंह से बस सिसकारी निकले
एसा दो मुझको आलिंगन
ऐसी प्रीत दिखाओ साजन
मेरा सब कुछ तुमको अर्पण
इक दूजे में पूर्ण समर्पण
जलता मेरे तन का कण कण
प्रीत धार  बरसाओ  साजन
ऐसी प्रीत दिखाओ   साजन

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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