Wednesday, February 15, 2012

जय शिव शंकर

जय शिव शंकर
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हम गीत शांति के गाते है
अपने मन को समझाते है
पूजा करते शंकर जी की,
जो संहारक  कहलाते है
निश्चित ही शंकर बाबा,वैज्ञानिक एक रहे होंगे
करने प्रयोग ,एकांत जगह,पर्वत कैलाश गये होंगे
थे धुनी जीव,जग कहता है,वे धूनी रमाते थे  बाबा
मस्तानी तबियत के थे तो,गंजा,भंग खाते थे  बाबा
करके प्रयोग,निश्चित कोई,बम उनने  बना लिया होगा
प्रलयंकारी नेत्र तीसरा शायद बम का स्विच   होगा
वो बम वाले शंकर अब भी तो बम भोले   कहलाते है
हम गीत शांति के गाते है
देखो ये कैसी बातें है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

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