Sunday, May 25, 2014

चुनाव के बाद का चिंतन

       चुनाव के बाद का चिंतन
                       १
क्या बतलाएं ,हम पर कैसी बीती है
कल तक भरी हुई गगरी ,अब रीती   है
हुआ तुषारापात  सभी आशाओं  पर ,
हार गए हम , अबके  जनता  जीती है
                     २
सपने सारे मिटे , धूल में,बिखर गए
नहीं तालियां,मिली गालियां ,जिधर गए  
उड़ते थे स्वच्छंद ,आज हम अक्षम है ,
वोटर  ऐसे  पंख हमारे   क़तर  गए
                   ३
कुछ  कर्मो  के  फल से ,कुछ नादानी में
ध्वस्त हुए ,मोदी की  तेज सुनामी  में
बचे खुचे हम,मिल कर आज करें चिंतन ,
डूब गए क्यों ,हम चुल्लू भर पानी में

घोटू

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