Friday, December 19, 2014

एसा लगता है वो हमसे नाराज है आज सूरज ने सूरत दिखाई नहीं बेरुखी देख उसकी खफा हम हुये हमने सर से हटाइ रजाइ नहीं धूप के रूप का गर न जलवा दिखे तो जरूरी नहीं हम ठिठुरते रहे कम से कम परवाने तो जलेगे नहीं जो अगर उनने शमा जलाई नहीं घोटू

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