Monday, May 18, 2015

अंदाज- अपना अपना

         अंदाज- अपना अपना

कहा नेता के बेटे ने ,
मुझे तुम अपना दिल देदो
है वादा ,चाँद और तारे ,
              तोड़ कर दूंगा लाकर मैं
कहा बनिये  के बेटे ने,
कमाई मैंने जो अब तक,
वो सारी प्यार की दौलत,
         रखो तुम दिल के लॉकर में
कृषकसुत  ने कहा मुझमे,
प्यार का बीज पनपा है,
फले फूलेगा,लहकेगा ,
        प्यार से सींच भर देना
तो अफसर पुत्र ये बोला ,
प्रपोजल प्यार का मेरे ,
रखा तुम्हारी टेबल पर,
          पास ले, दे के कर देना
ये बोला, छोरा पंडित का,
तू मेरे प्यार की देवी,
बिठा के मन के मंदिर में ,
           करूंगा जाप मैं  तेरा 
क्लर्क के एक बेटे ने ,
कहा भर आह एक ठंडी ,
बड़ी लम्बी लगी लाइन ,
         कब नंबर आएगा मेरा
तभी एक प्रेक्टिकल आशिक,
एक लम्बी कार मे आया ,
अंगूठी एक हीरे की ,
         उसकी उंगली में पहना दी
और डायमंड नेकलेस दे ,
कहा उससे कि 'आइ  लव यू'
चलो बाहर डिनर करते,
           प्रेमिका झट हुई राजी
हज़ारों ख्वाब इस दिल में,
बुना  करते है हम और तुम,
मगर इच्छाएं सब,सबकी,
                  कहाँ  हो पाती पूरी है
हरेक मंजिल को पाने का,
तरीका अपना अपना है ,
वहां तक पहुँच पाने का,
                 हुनर आना जरूरी है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

No comments:

Post a Comment