Monday, June 15, 2015

मचा भूचाल देती है

       मचा भूचाल देती है

हवा में सांस हम लेते , हवा ही प्राण होती है
मगर जब उग्र हो जाती ,तो वो तूफ़ान होती है 
काम आता है हरेक पल ,है जल जीवन ही कहलाता
मगर ढाता कहर सब पर,वो जब सैलाब बन जाता
तपस अग्नि की जीवन है,पका देती,पचा देती
मगर जब वो ,दहकती है,सभी कुछ भस्म कर देती 
बीबियाँ होती है प्यारी ,पति को प्यार  देती है
मगर नाराज जब होती,मचा भूचाल  देती है

घोटू 

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