Tuesday, August 4, 2015

दो क्षणिकाएँ

         दो क्षणिकाएँ
                  १
वो दूरदृष्टा हैं ,पर उनकी ,
दूर की दृष्टी है कमजोर
उनके चश्मे का नंबर है ,
माइनस फोर
                  २
मैंने छोटे बेटे से कहा ,
पिया करो दूध
इससे ताक़त मिलती है ,
बदन होता है मजबूत
बेटा ने कहा ये बात है झूठ
मेरे दूध के दांत ,
कितनी जल्दी गए सब टूट

घोटू

No comments:

Post a Comment