Tuesday, February 2, 2016

           अपनी दिल्ली छोड़ कर

अपना मफलर ,अपनी टोपी ,अपनी दिल्ली छोड़ कर
भाग रहे बंगलूर को हो ,इलाज कराने दौड़ कर
' आड 'और 'ईवन 'चक्कर में ,दिल्ली की जनता को सता
सड़कों पर फैला कर ढेरों ,कूड़ा ,करकट , रायता
पोलल्युशन को बढ़ा गए हो ,तुम अपना मुख मोड़ कर
अपना मफलर ,अपनी टोपी,अपनी दिल्ली छोड़ कर
मुश्किल से तुम भाग रहे हो ,यह तुम्हारा  ढोंग है
खांसी का इलाज है अदरक  और शहद है,लोंग है
हाल ठीक करते हो अपना और दिल्ली बदहाल है
नहीं दूध के धुले हुए तुम,क्या ये कोई चाल है
और ठीकरा इस सबका ,औरों के सर पर फोड़ कर
भाग रहे तुम बेंगलूर ,इलाज कराने  दौड़ कर

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

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