Monday, September 4, 2017

बुढ़ापे की दवा 

वो पागलपन ,वो दीवानगी ,वो जूनून अब हुआ हवा है 
मैं बूढा हो गया ,पुरानी यादें ,दिल में  मगर जवां  है 
जब सूनी सूनी रातों में,तन्हाई  मुझको डसती  है ,
याद पुराने सुखद पलों की,दुखते दिल की एक दवा है
 
घोटू 

No comments:

Post a Comment